भाजपा ने ठुकराई अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग
बैंको से कर्ज लेकर देश छोड़कर भाग गए शराब कारोबारी विजय माल्या के देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली से मिलने के दावे के बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सत्ता पक्ष से श्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग राखी , इस मांग को भाजपा सरकार ने सिरे से नकार दिया। इसके अलावा सत्ता पक्ष ने कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गाँधी से तमाम पद छोड़ने की मांग की। भाजपा का यह आरोप था की 2010 -2011 के दौरान जो कर्ज माल्या को दिए गए वे सब बैंको की मज़बूरी थी क्योकि माल्या, गाँधी परिवार के करीबी माने जाते थे। 2010 -2011 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी।
श्री राहुल गाँधी ने इस्तीफे की मांग करते हुए तर्क दिया था की - "किसके कहने पर CBI ने माल्या के खिलाफ 23 नवम्बर 2015 को जारी हिरासत नोटिस को सुचना नोटिस में बदला था ? इसके साथ ही श्री गाँधी ने श्री जेटली पर आरोप लगाया की वित्त मंत्री ने माल्या से मुलाकात को लेकर ढाई वर्षों तक जाँच एजेंसीज को धोखे में रखा और आज अचानक बता रहे हैं की उन्होंने माल्या से मुलाकात की, जो की उनके पद छोड़ने के लिए पर्याप्त कारण बनता है। "
इन सब घटनाक्रमों के मध्य विराम लगाते हुए भाजपा सरकार ने शुक्रवार 14 सितम्बर 2018 को वित्त मंत्री के इस्तीफे की मांग को खारिज कर दिया।
बैंको से कर्ज लेकर देश छोड़कर भाग गए शराब कारोबारी विजय माल्या के देश छोड़ने से पहले वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली से मिलने के दावे के बाद विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने सत्ता पक्ष से श्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग राखी , इस मांग को भाजपा सरकार ने सिरे से नकार दिया। इसके अलावा सत्ता पक्ष ने कांग्रेस अध्यक्ष श्री राहुल गाँधी से तमाम पद छोड़ने की मांग की। भाजपा का यह आरोप था की 2010 -2011 के दौरान जो कर्ज माल्या को दिए गए वे सब बैंको की मज़बूरी थी क्योकि माल्या, गाँधी परिवार के करीबी माने जाते थे। 2010 -2011 में केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी।
श्री राहुल गाँधी ने इस्तीफे की मांग करते हुए तर्क दिया था की - "किसके कहने पर CBI ने माल्या के खिलाफ 23 नवम्बर 2015 को जारी हिरासत नोटिस को सुचना नोटिस में बदला था ? इसके साथ ही श्री गाँधी ने श्री जेटली पर आरोप लगाया की वित्त मंत्री ने माल्या से मुलाकात को लेकर ढाई वर्षों तक जाँच एजेंसीज को धोखे में रखा और आज अचानक बता रहे हैं की उन्होंने माल्या से मुलाकात की, जो की उनके पद छोड़ने के लिए पर्याप्त कारण बनता है। "
इन सब घटनाक्रमों के मध्य विराम लगाते हुए भाजपा सरकार ने शुक्रवार 14 सितम्बर 2018 को वित्त मंत्री के इस्तीफे की मांग को खारिज कर दिया।